खबर चौक: रांची, 21 अक्टूबर 2024: झारखंड में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हिस्सेदारी की सूची जारी होने के बाद पार्टी में खलबली मच गई है। कई नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है, जिनमें तीन पूर्व विधायक भी शामिल हैं।
संथाल परगना की नाला सीट के पूर्व विधायक और झारखंड सरकार में मंत्री रहे सत्यानंद झा बाटुल ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के नाम अपना इस्तीफा भेजा है। उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा, “झारखंड भाजपा की वर्तमान नीति ठीक नहीं है। मैंने जनसंघ के बाद 40 वर्षों तक पार्टी को मजबूत करने का काम किया, लेकिन आज जिन लोगों को टिकट दिया गया है, उन्होंने बार-बार पार्टी बदली है।”
गुमला जिले के बिशुनपुर सीट के पूर्व विधायक राकेश बाटुल ने भी भाजपा छोड़ने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि वे विष्णुपुर और लोहरदगा विधानसभा क्षेत्रों से स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेंगे।
पूर्वी सिंहभूम जिले के ईचागढ़ विधानसभा सीट से टिकट के लिए आवेदन करने वाले पूर्व विधायक अरविंद सिंह सोलंकी और मलखान सिंह ने भी पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया। मलखान सिंह ने बताया कि वे अब आजसू पार्टी के साथ चुनावी गठबंधन में शामिल होंगे। पोटा सीट से तीन बार चुनाव लड़ीं मेनका सरदार ने शनिवार को पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया था, लेकिन सोमवार को भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के समझाने पर उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया।
इसके अलावा, जमुआ सीट से भाजपा नेता केदार हाजरा ने पहले ही भाजपा पूर्ण बहुजन मोर्चा की सदस्यता ले ली थी। पिछले चुनाव में सरायकेला विधानसभा क्षेत्र में करीब दो हजार ट्रैक्टर के अंतर से हारने वाले गणेश महली ने भी पार्टी छोड़ दी है। खरसावां सीट पर दूसरे नंबर पर रहे बास्को बेसरा ने भी भाजपा से अपने रास्ते अलग कर लिए हैं, और दोनों नेताओं के झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़ने की संभावना बनी हुई है।
बरकट्ठा सीट से टिकट की दावेदार कुमकुम ने भी सोमवार को पार्टी से अपना नाम वापस लेने की घोषणा की। इस प्रकार, झारखंड भाजपा में हो रही ये राजनीतिक हलचलें आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी इन इस्तीफों के बाद अपनी रणनीति कैसे तय करती है।