खबर चौक: बाड़मेर मंगलवार सुबह बाड़मेर रेलवे स्टेशन पर एक मॉक ड्रिल ने हंगामा मचा दिया। पुलिस कंट्रोल रूम पर आई एक कॉल के कुछ ही मिनट बाद, स्टेशन परिसर पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। घटनास्थल पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और रेलवे की टीम पहुंची, जिन्होंने पटरी से उतरे डिब्बों का जायजा लिया और तत्परता से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। एक घंटे की कड़ी मेहनत के बाद, घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
सायरन की आवाज, तेजी से दौड़ती अग्निशामक गाड़ियाँ और चिंघाड़ती एम्बुलेंस देख लोग सहम गए। रेलवे यार्ड का दृश्य देखकर कई लोग घबरा गए, जब उन्होंने देखा कि दो रेल बोगियाँ एक-दूसरे पर चढ़ी हुई थीं। सूचना मिलने पर एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और बोगियों को काटकर घायलों को सुरक्षित निकाला। जब लोगों को पता चला कि यह सब एक मॉक ड्रिल है, तब उन्होंने राहत की सांस ली।
इस मॉक ड्रिल का आयोजन एनडीआरएफ द्वारा किया गया था, जिसमें रेलवे के एडीआरएम राकेश कुमार सहित कई आला अधिकारियों ने स्थिति का जायजा लिया। लगभग 300 कार्मिकों ने इस मॉक ड्रिल में भाग लिया। जोधपुर रेलवे के एडीआरएम राकेश कुमार ने कहा, “यह मॉक ड्रिल दर्शाती है कि रेल हादसों के समय एनडीआरएफ, सिविल डिफेंस, एसडीआरएफ, पुलिस और रेलवे के अधिकारी मिलकर किस प्रकार काम करते हैं।”
एनडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडेंट योगेश कुमार ने कहा, “जब हमें रेल हादसे की सूचना मिली, तो हम तुरंत मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।” इस प्रकार की मॉक ड्रिलों का उद्देश्य आपातकालीन स्थितियों में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना है, जिससे भविष्य में संभावित रेल हादसों में जनहानि को रोका जा सके।