दिल्ली में विधायकों के साथ बैठक के बाद आम आदमी पार्टी ने बड़ा फैसला लिया है। पार्टी ने बयान जारी कर कहा, आप दिल्ली में विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए था। बता दें कि आज (गुरुवार) को पार्टी ने अपने सभी विधायकों को मुख्यमंत्री आवास पर मीटिंग के लिए बुलाया था। मौजूदा समय में 70 विधानसभा सीटों पर आप के 62 विधायक हैं।

हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़े। कुल सात सीटों में से जहां चार पर आप तो वहीं तीन सीटों पर कांग्रेस ने चुनाव लड़ा। गठबंधन के उम्मीदवार आप के 44 विधायकों के क्षेत्रों में धराशायी हो गए। आप के चार उम्मीदवारों में से तीन वर्तमान में विधायक हैं, लेकिन इन तीनों में से दो अपने ही विधानसभा क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार से हार गए हैं। दिल्ली की कुल 70 विधानसभा क्षेत्रों में सिर्फ 18 क्षेत्रों पर ही गठबंधन के उम्मीदवारों को भाजपा उम्मीदवार से जीत मिली है।
कुलदीप कुमार कोंडली से विधायक हैं। यहां पर उन्हें 57985 मत मिले हैं। वहीं भाजपा उम्मीदवार हर्ष मल्होत्रा को 59551 मत मिले। वहीं मालवीय नगर से विधायक सोमनाथ भारती को अपनी सीट पर 39700 मत मिले, जबकि भाजपा उम्मीदवार बांसुरी स्वराज को 43623 वोट मिले। सिर्फ तुगलकाबाद विधानसभा से विधायक और लोकसभा उम्मीदवार सही राम पहलवान भाजपा उम्मीदवार रामवीर सिंह बिधूड़ी से लगभग 5000 मतों से आगे रहे। इसी तरह पश्चिमी दिल्ली से आप उम्मीदवार महाबल मिश्रा अपने बेटे और आप विधायक विनय मिश्रा की विधानसभा सीट द्वारका में भाजपा की उम्मीदवार कमलजीत सहरावत से 15000 मतों से पीछे रह गए।
सिसोदिया की सीट पर पिछड़े कुलदीप
पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र से आप के कुलदीप कुमार चुनाव मैदान में थे। यहां की 10 सीटों में से सात पर आप के विधायक हैं, जबकि तीन पर भाजपा का कब्जा है। आप के कई बड़े नेता यहां से विधायक है। लेकिन उन सीटों पर कुलदीप पिछड़ गए। पटपड़गंज से पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया विधायक हैं लेकिन यहां कुलदीप भाजपा उम्मीदवार से 29199 मतों से पीछे रहे। दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल की सीट शाहदरा में भी कुलदीप भाजपा से 19610 मतों से पीछे रह गए। उन्हें सिर्फ ओखला और जंगपुरा से ही भाजपा उम्मीदवार से बढ़त मिली है। इसमें ओखला में सबसे अधिक 73818 मतों से वह भाजपा उम्मीदवार से आगे रहे। वहीं जंगपुरा में वह 2491 मतों से आगे रहे।
बेटे की सीट पर हारे महाबल
पश्चिम दिल्ली सीट पर आप के महाबल मिश्रा उम्मीदवार थे। यहां की 10 सीटों पर आप के विधायक हैं। यहां की द्वारका विधानसभा सीट पर महाबल के बेटे विनय मिश्रा विधायक है। इसके बावजूद यहां महाबल 15000 मतों से भाजपा उम्मीदवार से पीछे रहे है। 10 विधानसभा सीटों में से दो सीट पर ही महाबल बढ़त मिली है।
कन्हैया महज चार सीटों पर ही रहे आगे
उत्तर-पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस उम्मीदवार कन्हैया कुमार चार विधानसभा सीटों पर भाजपा उम्मीदवार मनोज तिवारी से आगे रहे। जबकि इस सीट के 10 विधानसभा क्षेत्रों में 7 पर आप के विधायक हैं। वहीं तीन पर भाजपा के हैं। मुस्लिम बहुल क्षेत्र बाबरपुर, मुस्तफाबाद, सीलमपुर में कन्हैया को काफी बढ़त मिली। वहीं भाजपा के मनोज तिवारी को बुराड़ी, तिमारपुर, रोहताश नगर, करावल नगर, घाेडा और गोकलपुरी में बढ़त मिली है।
दक्षिणी दिल्ली, तीन पर ही सहीराम को मिली बढ़त
इस सीट पर बदरपुर से भाजपा विधायक रामवीर सिंह और तुगलकाबाद से आप पार्टी के विधायक सहीराम पहलवान उम्मीदवार थे। यहां की 10 विधानसभा सीटों में से नौ पर आप पार्टी के विधायक हैं। खास बात यह है कि यहां तीन विधानसभा सीट पर ही सही राम को भाजपा उम्मीदवार से बढ़त मिली है। अन्य सीट पर हार का सामना करना पड़ा है।