हिमंत बिस्व सरमा सरकार ने असम में मुस्लिम मैरिज एंड डिवोर्स एक्ट को निरस्त करने का फैसला किया है, इसके ऐलान के बाद मुस्लिम समुदाय के नेता विरोध कर रहे हैं कि “मुस्लिम सिर्फ अपने शरीयत और कुरान को ही फॉलो करेंगे।”

असम सरकार के ‘Assam Muslim Marriages and Divorces Registration Act’ को निरस्त करने के ऐलान का मुस्लिम समुदाय के नेता विरोध कर रहे हैं। राज्य के बड़े नेता बदरुद्दीन अजमल का कहना हैं, कि ऐसा करके वे मुसलमानों को भड़काना चाहते हैं। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के नेता एसटी हसन ने कहा कि “मुस्लिम सिर्फ शरीयत और कुर’आन को ही मानेंगे।” एक नेता ने कहा कि इस कानून को निरस्त करने के साथ ‘हिंदू मतदाताओं के ध्रुविकरण की कोशिश’ की जा रही है। सपा सांसद एसटी हसन ने कहा कि इन चीजों को ज्यादा हाईलाइट करने की जरूरत नहीं है। मुस्लिम सिर्फ शरीयत और कुरान को ही फॉलो करेंगे।