न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई थी। गौरतलब हो कि हल्द्वानी निवासी साफिया मालिक और अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नगर निगम के नोटिस को चुनौती देते हुए उसे निरस्त करने की मांग की थी। याचिका में कहा गया कि उनके पास 1937 की लीज है जो मलिक परिवार से उन्हें मिली है। सरकार उस पर कब्जा नहीं ले सकती।
अन्य याचिका में कहा गया कि अच्छन खान के बगीचे वाले क्षेत्र से दीवार का ध्वस्तीकरण न करते हुए तारबाड़ को हटाया जाए। याचिकाओं में कहा गया कि नगर निगम की ओर से जारी नोटिस में वहां बने मदरसे को अवैध बताया गया है।
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